यूरोप में बाल्टिक और नॉर्डिक देशों के शासनाध्यक्षों ने अमरीका में अलास्का शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान में इस बात पर ज़ोर दिया है कि केवल यूक्रेन ही अपना भविष्य तय कर सकता है। बयान में, लातविया, डेनमार्क, एस्टोनिया, आइसलैंड, लिथुआनिया, नॉर्वे, फ़िनलैंड और स्वीडन के नेताओं ने घोषणा की कि यूक्रेन के बिना यूक्रेन के बारे में और यूरोप के बिना यूरोप के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। बयान में आगे कहा गया है कि न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए युद्धविराम आवश्यक है।
इन नेताओं ने ज़ोर देकर कहा कि यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं या अन्य देशों के साथ उसके सहयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन को निरंतर सैन्य समर्थन देने की बात भी कही। इन नेताओं ने कहा कि जब तक रूस हमले जारी रखेगा, वे रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को संकुचित करने के लिए प्रतिबंधों तथा व्यापक आर्थिक उपायों को और कड़ा करेंगे।
इस बीच, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने एक साक्षात्कार में कहा कि यूक्रेन और शेष यूरोप के बिना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के बीच कोई क्षेत्रीय वार्ता न होना अच्छी बात है। उन्होंने कहा, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ राष्ट्रपति ट्रम्प की कल की वार्ता में यूरोप की भूमिका रहेगी।