निर्वाचन आयोग ने पोस्टल बैलेट की गणना संबंधी नियमों को संशोधित किया है। ईवीएम और वीवीपैट की गणना के अंतिम राउंड से पहले सभी डाक मतपत्रों की गणना अनिवार्य बना दी गई है।
आयोग के बयान में कहा है कि चुनाव सुधारों से संबंधित 30वीं पहल का उद्देश्य मतगणना में तेजी, पारदर्शिता और एकरूपता के लिए डाक मतपत्रों की गिनती को मुख्यधारा से जोडना है।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि दिव्यांगजनों और 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को घर से वोट डालने की सुविधा के कारण हाल के चुनावों में डाक मतपत्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
आयोग ने चुनाव अधिकारियों को उन निर्वाचन क्षेत्रों में अतिरिक्त मतगणना टेबल और कर्मचारी उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है जहाँ डाक मतपत्रों की संख्या अधिक होती है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि मतगणना सुचारू रूप से और बिना किसी देरी के हो।