प्रवर्तन निदेशालय ने बिल्डर-खरीदारों के साथ 1 हजार 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में रामप्रस्थ समूह के दो प्रमोटरों को धन शोधन निवारण अधिनियम के अंतर्गत गिरफ्तार किया है। निदेशालय ने बताया कि उसने इन प्रमोटरों के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित तीन ठिकानों पर आवासीय और व्यावसायिक परिसरों की तलाशी ली है। निदेशालय के अनुसार, रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए दो हज़ार से ज़्यादा घर खरीदारों से लगभग एक हजार एक सौ करोड़ रुपये वसूले थे। मामले की जाँच जारी है।