रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन – डीआरडीओ तथा फ्रांस के रक्षा उपकरण महानिदेशालय-डीजीए ने आज रक्षा अनुसंधान और विकास में सहयोग को प्रगाढ़ बनाने संबंधी तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस सामरिक साझेदारी का उद्देश्य भविष्य की रक्षा चुनौतियों के लिए नवाचारी समाधान विकसित करने सम्बंधी दोनों देशों के संयुक्त कौशल और संसाधनों का लाभ उठाना है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ० समीर वी० कामत और फ्रांस के रक्षा उपकरण महानिदेशालय के लेफ्टिनेंट जनरल गेल डियाज़ डी तुएस्टा ने नई दिल्ली में आज इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अंतर्गत उपकरणों और प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण दोनों देशों के लिए उपलब्ध होंगे।
इस समझौते में निहित सहयोग के मुख्य क्षेत्रों में वैमानिकी प्लेटफार्म, मानव रहित वाहन, रक्षा अनुप्रयोगों के लिए उन्नत सामग्री, साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अंतरिक्ष, नेविगेशन, उन्नत प्रोपल्शन, उन्नत सेंसर, क्वांटम प्रौद्योगिकियां, गहरे पानी की प्रौद्योगिकियां और आपसी हित के अन्य क्षेत्र शामिल हैं।
दोनों पक्षों ने विश्वास व्यक्त किया कि यह सहयोग राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।