दिल्ली की सुंदर नर्सरी में सरस फूड महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित यह महोत्सव महिला सशक्तिकरण का एक शानदार उदाहरण है। इस महोत्सव में आगंतुक सिर्फ़ खाना ही नहीं चख रहे हैं, बल्कि वे भारत की पाककला विरासत की विविधता का अनुभव भी कर रहे हैं, जिसे देश भर की ग्रामीण महिलाओं ने अपने कौशल से जीवंत किया है।
सरस फूड महोत्सव का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, उन्हें स्वरोजगार के अवसर देना और अन्य ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित करना है। इस महोत्सव में 25 राज्यों की 500 से ज़्यादा पकवान परोसे जा रहे हैं, जो आगंतुको को भारत की संस्कृति का एक शानदार और स्वादिष्ट भ्रमण करा रही हैं। इस महोत्सव में लगभग 300 लखपति दीदी और स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ देश के कोने-कोने से नई दिल्ली के सुंदर नर्सरी में पहंची हुई हैं।
आकाशवाणी समाचार से बात करते हुए, उत्तराखंड की एक प्रदर्शक पूजा तोमर ने बताया कि यह वह इस वर्ष के महोत्सव में कई स्थानीय पहाड़ी व्यंजन बेच रही रही है। इनमें मांडवे की रोटी और भटकी सहित कई व्यंजन शामिल है। उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस महोत्सव से लखपति दीदियों को स्वरोजगार चलाने में मदद मिल रही है।
इस महोत्सव में फूड स्टॉलों के साथ-साथ प्राकृतिक व ग्रामीण उत्पादों के स्टॉल भी लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से आगंतुक गांवों की आर्थिक व सामाजिक धारा से परिचित हो रहे हैं। ये सरस फ़ूड महोत्सव ग्रामीण भारत की समृद्ध परंपराओं, आत्मनिर्भरता और महिला नेतृत्व वाली आजीविका मॉडल को सामने लाने वाला प्रभावी माध्यम बन गया है। प्रादेशिक समाचार के लिए अमन यादव ।