दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। उन पर 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान आपत्तिजनक बयान देने और आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का आरोप है। मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी।
कपिल मिश्रा ने 23 जनवरी 2020 को दिल्ली विधानसभा चुनावों के सिलसिले में सोशल मीडिया पर कथित रूप से आपत्तिजनक बयान पोस्ट किए थे। इस मामले में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। जिसके आधार पर एफआईआर की गई थी। सत्र न्यायालय ने अपने 7 मार्च के आदेश में कहा था कि वह मजिस्ट्रेट अदालत से पूरी तरह सहमत है कि दर्ज की गई शिकायत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत अपराध का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त है।