दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने मोबाइल ऐप, न्यायिक अधिकारियों के लिए ई-एच आर एम एस पोर्टल, ई-ऑफिस पायलट प्रोजेक्ट, नगर निगम अपीलीय न्यायाधिकरण और किशोर न्याय बोर्ड को ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म पर शामिल करने सहित न्यायिक अभिलेखों के डिजिटल संरक्षण की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य न्यायपालिका को डिजिटल और तकनीकी रूप से सुदृढ बनाना है।
इन पोर्टल के शुभारंभ के दौरान, सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी के अध्यक्ष और न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह उपस्थित थीं।
इस अवसर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह पहल भारत की न्यायिक प्रणाली को और अधिक मजबूत, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्मों का बढ़ता उपयोग नागरिकों के लिए सुलभ और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार, न्यायपालिका के साथ पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली सरकार अब प्रत्येक न्यायाधीश को केस स्टडी में सहायता के लिए चार विधि शोधकर्ता उपलब्ध कराएगी और उनका मानदेय बढ़ाकर अस्सी हजार रुपये कर दिया गया है।