रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने आज नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक में प्रशिक्षण, नियमित सैन्य अभ्यास और रक्षा परियोजनाओं सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की। वार्ता के दौरान दोनो पक्षों ने भारत-मालदीव व्यापक आर्थिक सहयोग और समुद्री सुरक्षा और साझेदारी के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
रक्षा मंत्री ने रक्षा तैयारियों के लिए क्षमता बढाने में मालदीव को सहयोग देने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। भारत की पडोसी प्रथम नीति के अनुरूप रक्षा मंचों के उपयोग और परिसंपत्तियों की क्षमता के विस्तार पर भी चर्चा हुई। श्री मोमून ने मालदीव के लिए सबसे पहले सहायता के लिए आने वाले देश के रूप में भारत की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की। उन्होंने माले में आधुनिक बुनियादी सुविधाओं के विस्तार तथा रक्षा और सुरक्षा कर्मियों प्रशिक्षण में भारत के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। मालदीव के अनुरोध पर भारत ने उसे रक्षा उपकरण और भंडारण सुविधाएं प्रदान की। एक सोशल मीडिया पोस्ट में श्री राजनाथ ने कहा कि वार्ता सार्थक रही और इससे भारत मालदीव संबंधों को नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान रक्षा सहयोग प्रगाढ करने के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई जिनकी मालदीव की राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता में वृद्धि होगी।
मालदीव के रक्षा मंत्री भारत की तीन दिन की यात्रा पर हैं। इस दौरान वे गोवा और मुंबई भी जाएंगे। मालदीव भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति में एक विशेष स्थान रखता है। इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि लाना है। दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।