रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों, की परिवर्तनकारी यात्रा पर है। उन्होंने कहा कि भारत अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
रक्षा मंत्री ने आज सिडनी में भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग व्यापार गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नीतिगत उपायों और अनुपालन तंत्रों के सरलीकरण के माध्यम से रक्षा उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र को निरंतर उदार बनाया जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में देश का रक्षा उत्पादन एक लाख 51 हज़ार करोड़ रुपये तक पहुँच गया। यह, इससे पिछले वर्ष की तुलना में 18% अधिक है। उन्होंने कहा कि देश का रक्षा निर्यात भी 23 हज़ार 622 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है और भारतीय कंपनियां वर्तमान में लगभग 100 देशों को निर्यात कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपनी जहाज निर्माण की मज़बूत क्षमताओं, विविध विनिर्माण आधार और निजी क्षेत्र के नवप्रवर्तकों तथा स्टार्ट-अप्स के बढ़ते पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एक विश्वसनीय भागीदार बनने के लिए तैयार है।
श्री सिंह ने रेखांकित किया कि मेक इन इंडिया, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं और डिजिटल परिवर्तन जैसी पहलों ने नवाचार और निवेश के लिए सक्षम वातावरण तैयार किया है। रक्षा मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई व्यापार समुदाय को भारत में निवेश, सहयोग और नवाचार के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया मिलकर अत्याधुनिक तकनीक विकसित कर सकते हैं और उन्नत प्लेटफ़ॉर्म बना सकते हैं।