कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत को विश्व का खाद्यान्न भंडार बनाने के लिए आत्मनिर्भर कृषि और उद्योग सहयोग पर बल दिया है। उन्होंने आज नई दिल्ली में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक अधिवेशन में यह बात कही।
कृषि मंत्री ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम यानि पूरा विश्व एक परिवार है की भारतीय नीति वैश्विक विकास के लिए मार्गदर्शन करती रहती है।
उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक सद्भावना की यही भावना भारतीय सभ्यता की पहचान है। श्री चौहान ने कहा यह स्वार्थ का नहीं, बल्कि सामूहिक कल्याण का दर्शन है।
कृषि मंत्री ने कहा कि देश की लगभग 46 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुडी हुई है। उन्होंने लोगों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आग्रह किया।