56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ईरान और इराक के फिल्म निर्माताओं ने आज संवाददाता सम्मेलन में दो फिल्मों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेंसरशिप आम लोगों के दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करती है।
ईरान की फिल्म माई डॉटर्स हेयर- राहा के निर्देशक सईद हेसम फरहमंद जू ने कहा कि यह फिल्म उनके अपने अनुभवों पर आधारित है और ईरानी महिलाओं के संघर्षों को दर्शाती है। निर्माता सईद खानिनामाघी ने कहा कि प्रतिबंधों ने ईरान के मध्यम वर्ग को कमजोर कर दिया है। यह फिल्म सर्वश्रेष्ठ नवोदित फीचर फिल्म श्रेणी के लिए प्रतिस्पर्धा में है।
इराक की फिल्म द प्रेसिडेंट्स केक के संपादक एलेक्ज़ेंड्रो-राडू ने 1990 के दशक में तानाशाही के अन्तर्गत जीवन को चित्रित करने के लिए गैर-पेशेवर अभिनेताओं के इस्तेमाल का वर्णन किया। एक तानाशाह पर आधारित यह फिल्म युवा लामिया पर बनी है। यह प्रतिबंधों के अन्तर्गत इराक की पीड़ा का एक प्रतीकात्मक पात्र है।