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सितम्बर 3, 2024 4:18 अपराह्न

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हिमाचल में गहराया वितीय संकट, सितंबर महीने की तीन तारीख होने के बाद भी नहीं आई कर्मचारियों को सैलरी

हिमाचल में गहराया वितीय संकट, सितंबर महीने की तीन तारीख होने के बाद भी नहीं आई कर्मचारियों को सैलरी, हिमाचल के इतिहास में यह बार, विपक्ष ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, बोले हिमाचल वित्तीय आपातकाल, खटाखट गारंटियों ने किया कंगाल और राज्यों के लिए भी हिमाचल से मिला सबक, सता के लिए झूठी गारेंटियां दे रही कांग्रेस।
 
हिमाचल प्रदेश में वितीय संकट को लेकर प्रदेश में बबाल मचा हुआ है ।पहले हिमाचल के मुख्यमंत्री ने सदन में वित्तीय संकट की बात कर खुद, मंत्रियों, सीपीएस व विधायको की सैलरी 2 महीने डेफर करने बाद का निर्णय लिया और बाद में मुख्यमंत्री कह रहे कि कोई वितीय संकट नही है लेकिन हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 3 तारीख तक कर्मचारियों को सेलरी नही मिली है। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में राहुल गांधी की खटाखट गारंटियों की पोल खुल गई है इससे और राज्यों को भी सबक लेना चाहिए।
 
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि आज 3 तारीख होने के बावजूद कर्मचारियों के खाते में सैलरी और पेंशनरों को पेंशन नहीं आई है जबकि मुख्यमंत्री कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। अगर आर्थिक संकट नहीं है तो कर्मचारियों को सैलरी क्यों नहीं आई। विपक्ष ने इसी को लेकर सदन में चर्चा मांगी थी लेकिन सरकार गंभीर नहीं है हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हो गया है और विपक्ष इसको लेकर गंभीर है। गारेंटी पूरी करने के चक्कर में अब कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं मिल रही है जो कि हिमाचल के भविष्य के लिए ठीक नहीं है।विपक्ष विधायक दल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर दखल की मांग की है। भाजपा कांग्रेस की खटाखट गारंटियों का चुनावी राज्यों में भी पोल खोलेगी।
 
कर्मचारियों 3 तारीख होने के बावजूद भी सैलरी नहीं मिलने पर कर्मचारियों में खासा रोष है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सैलरी कब आएगी इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है और न ही सरकार ने इसकी कोई आधिकारिक सूचना दी है। कर्मचारियों को इधर उधर से उधार लेकर खर्चा चलाना पड़ रहा है। कर्मचारियों को बिजली, पानी, राशन इत्यादि के बिल देने होते हैं जो नहीं दे पा रहे हैं। कर्मचारियों के ईएमआई पर भी असर हो रहा है बैंक से कर्मचारियों को फोन आ रहें हैं और कुछ को तो पेनल्टी भी लग गई है। जो कर्मचारी सरकार के खिलाफ़ आवाज उठा रहा है उसके तबादले किए जा रहे हैं।