प्रति कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण चिंतन और संरक्षण के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए। इसी कड़ी में अधिष्ठाता अध्ययन द्वारा समाज संस्कृति और पर्यावरण के अटूट संबंधों के विषय में विचार व्यक्त किये और सभी को एक दूसरे का पूरक बताया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एस० आर० हरनोट जी भी उपस्थित रहें। यह कार्यक्रम चार सत्रों में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र में बीज वक्ता के तौर पर प्रो० चमन लाल गुप्ता (सेवानिवृत्त ), विशिष्ट वक्ता-प्रो० अशोक कुमार( विभागाध्यक्ष पंजाब विश्वविद्यालय) रहें।
इसके पश्चात द्वितीय सत्र में प्रो० राजेंद्र सेन(केंद्रीय विश्वविद्यालय पंजाब)तथा प्रो० चंद्रकांत सिंह( केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश) बतौर विशिष्ट वक्ता रहें। इसके पश्चात तृतीय सत्र के सत्राध्यक्ष प्रो० श्रीराम शर्मा सेवानिवृत्त रहें। इस सत्र में विश्वविद्यालय तथा अन्य महाविद्यालयों से आएं प्राध्यापक जनों तथा लगभग 75 शोधार्थियों द्वारा शोध पत्रों का वाचन किया गया। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।