रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्तमान भू-रणनीतिक अनिश्चितताओं को देखते हुए सशस्त्र बलों को दीर्घकालिक और अल्पकालिक चुनौतियों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने सेना कमांडरों के दो दिन के सम्मेलन में यह बात कही। श्री सिंह ने कहा कि हाइब्रिड युद्ध सहित गैर-परंपरागत युद्ध भविष्य में पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा कि साइबर, सूचना, संचार, व्यापार और वित्त सभी भविष्य के संघर्षों के अविभाज्य अंग बन गए हैं। श्री सिंह ने कहा कि इसके लिए सशस्त्र बलों को रणनीति बनाते समय इन सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।
रक्षा मंत्री ने उत्तरी सीमाओं पर वर्तमान स्थिति के बारे में सैनिकों पर पूरा भरोसा व्यक्त करने हुए सशस्त्र बलों को दृढ़ और सतर्क रहने के लिए बधाई दी। पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में समन्वित अभियान, क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। कार्यक्रम में भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं पर स्थिति, भीतरी इलाकों और वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया।