जनजातीय कार्य मंत्रालय, दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स के साथ मिलकर सिकल सेल रोग के उपचार के लिए दवा विकसित करने की एक प्रतियोगिता आयोजित करेगा। सिकल सेल रोग का जनजातीय क्षेत्रों में काफी प्रकोप है। प्रतियोगिता में चुने गए प्रस्ताव को 10 करोड़ रुपये तक का वित्त पोषण किया जाएगा।
जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने आज विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर दिल्ली के एम्स, में एक सभा को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2047 के अंत तक देश से सिकल सेल रोग के उन्मूलन के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। केन्द्रीय मंत्री ने सिकल सेल के रोगियों और उनके परिवारों के साथ बातचीत की और उन्हें केंद्र तथा राज्य सरकारों से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने रोगियों के लिए निशुल्क दवा की व्यवस्था का भी आश्वासन दिया।
सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य आकार की हो जाती हैं। ये कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी होती हैं, जिससे वे रक्त वाहिकाओं में फंसकर रक्त के प्रवाह को बाधित कर सकती हैं।