वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि सरकार ऐसे लोगों को न्याय दिलाने के लिए वचनबद्ध है जिनके कारोबार वित्तीय धोखाधडी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए। श्री चौधरी ने कहा कि एजेंसी ने पिछले वर्ष धन शोधन विरोधी कानून के प्रावधानों के अंतर्गत तीस हजार करोड रूपये से अधिक मूल्य की संपत्तियां पीडितों और सही हकदारों को लौटाई हैं। नई दिल्ली के भारत मंडपम में प्रवर्तन निदेशालय दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने ये बात कही। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि निदेशालय ने देश की आर्थिक अखंडता सुनिश्चित करने और आर्थिक अपराधों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री चौधरी ने कहा कि दवाब सहने के बावजूद निदेशालय उन लोगों से सख्ती से निपट रहा है जो खुद को कानून से ऊपर समझते हैं।
श्री चौधरी ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग और फेमा से जुड़े मामलों से लेकर आर्थिक अपराधियों पर नज़र रखने तक प्रवर्तन निदेशालय का काम बहुआयामी हो गया है।
इस अवसर पर ईडी के निदेशक राहुल नवीन ने एजेंसी की 93 दशमलव 6 प्रतिशत सजा दर पर बल दिया। उन्होंने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम-2018 के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया। इसके अंतर्गत 24 आवेदन दायर किए गए हैं और 14 व्यक्तियों को अपराधी घोषित किया गया है। इसमें 900 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी जब्त हुई है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय, पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करके अधिनियम के प्रावधानों को मजबूत करने की योजना बना रही है।