संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आज दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण-एसआईआर और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों द्वारा हंगामा किए जाने के कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पडा।
लोकसभा की कार्यवाही जब दूसरे स्थगन के बाद दोपहर दो बजे शुरू हुई तो विपक्षी दल एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग के पक्ष में नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सदस्यों के लगातार विरोध पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार संवैधानिक और संसदीय प्रक्रियाओं तथा नियमों के अनुसार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि क्योंकि एसआईआर सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि संसद में एसआईआर मुद्दे पर चर्चा करने का मतलब नियमों और परंपराओं को तोड़ना होगा। श्री रिजिजू ने बताया कि नियम स्पष्ट हैं कि चुनाव आयोग जैसी स्वायत्त संस्थाओं के कामकाज पर चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने विरोध कर रहे सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया क्योंकि सदन में महत्वपूर्ण विधेयक सूचीबद्ध हैं। शोरगुल के बीच सदन ने बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा पेश किए गए संशोधनों के साथ मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024 पारित कर दिया। हंगामा जारी रहने पर पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, जब लोकसभा पहली बार स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू हुई, तो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-26 के लिए मणिपुर राज्य की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। पीठासीन अधिकारी ने शून्यकाल चलाने की कोशिश की, लेकिन विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और एसआईआर मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि सदन में व्यवधान पैदा करना और पोस्टर और तख्तियां लाना उचित नहीं है। उन्होंने विपक्षी नेताओं से रचनात्मक भूमिका निभाने और सदन को चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने बार-बार विरोध कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने की अपील की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। शोरगुल जारी रहने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।