प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत वोकेशनल शिक्षकों ने वेतन का एरियर नहीं मिलने के विरोध में शिमला के चौड़ा मैदान में हल्ला बोला। इस दौरान शिक्षकों ने कम्पनियों के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी करते हुए सरकार से उन्हें शिक्षा विभाग में मर्ज करने की मांग उठाई।
शिक्षकों ने कम्पनियों द्वारा शिक्षकों के शोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी सरकार और शिक्षा विभाग के आदेशों के बाद भी उनका शोषण कर रही है। एरियर का भुगतान न होने के बाद उनकी दिवाली भी फीकी रही है।
व्यवसायिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया ने कहा कि जिन कम्पनियों के माध्यम से उनकी नियुक्ति हुई है। उनके द्वारा शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के निर्देशों को कंपनियां दरकिनार कर रही हैं। शिक्षकाें को अभी तक एरियर का भुगतान नहीं किया गया है।
विभाग ने 20 अक्तूबर से पहले एरियर का भुगतान करने के लिए कंपनियों को कहा था। कुछ कंपनियों ने अभी एरियर का भुगतान नहीं किया है और जिन शिक्षकों को भुगतान हुआ है वह भी अलग अलग राशि दी गयी है जबकि वेतन एक समान है।
वहीं, व्यवसायिक शिक्षिका सुचिता शर्मा ने कहा कि 11 वर्षों से अधिक समय से अलग अलग विद्यालयो में अपनी सेवाएं दे रही हैं। दो हजार से अधिक व्यवसायिक शिक्षक इस समय सेवाएं दे रहे हैं। इतने वर्षों के बाद भी कम्पनियां उनका शोषण कर रही हैं।
सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके लिए कोई नीति निर्माण कर कम्पनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए।जिससे उन्हें शोषण से मुक्ति मिल सके।