केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों से प्रवेश और परीक्षा शुल्क एकत्र करने के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस-यूपीआई अपनाने का आग्रह किया है। इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करना है। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस और एनवीएस जैसी स्वायत्त संस्थाओं को स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूलों में वित्तीय लेनदेन को सुव्यवस्थित करने के लिए यूपीआई अपनाने के लिए जोर दिया है।
यह कदम विधायी, नीतिगत और संस्थागत सुधारों के माध्यम से ‘जीवन और स्कूली शिक्षा में आसानी’ को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। डिजिटल भुगतान प्रणालियों को अपनाने से पारदर्शिता और अभिभावकों के लिए स्कूल जाए बिना दूर से भुगतान करने में सहजता होगी। यह पहल डिजिटल रूप से सशक्त और समावेशी शिक्षा प्रणाली के दृष्टिकोण के अनुरूप, हितधारकों को डिजिटल लेनदेन से परिचित करायेगा।
मंत्रालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि नकद भुगतान से डिजिटल भुगतान में बदलाव से स्कूल प्रशासन का आधुनिकीकरण होगा और 2047 तक ‘विकसित भारत’ लक्ष्य को बल मिलेगा।