शिंकुला टनल का कार्य जून माह में होगा आरम्भ

सामरिक महत्व की मनाली दारचा पदुम नीमू लेह सड़क पर बन रही विश्व की सबसे ऊंची शिंकुला टनल का निर्माण कार्य इस जून माह से आरंभ होगा। सीमा सड़क संगठन ने कम्पनी को लगभग 1700 करोड़ की लागत से बनने वाली इस टनल का टेंडर कर दिया है। 16 हजार फुट की ऊँचाई पर शिंकुला दर्रे के नीचे बनने वाली 4 किलोमीटर की टनल से चीन सीमा तक पहुँचने के लिये भारतीय सेना की पहुँच आसान होगी । शिंकुला टनल बन जाने से मनाली करगिल व मनाली लेह सामरिक मार्ग पर 12 महीने सेना के साथ स्थानीय लोगो व पर्यटक वाहनों को आवाजाही की सुविधा मिलेगी और समय भी कम लगेगा ।
नीमू पदम् दारचा के शिंकुला दर्रे के ओपनिंग सेरमनी के दौरान बीआरओ के योजक परियोजना के मुख्य अभियंता आर के साहा ने शिंकुला दर्रे पर मीडिया से जानकारी सांझा करते हुए कहा कि सरकार की ओर से टनल निर्माण की स्वीकृति मिल चुका है टैंडर प्रकिया पूर्ण है और जल्द कम्पनी को स्वीकृति लेटर दिया जाएगा।और कोशिश है कि जून माह में कम्पनी मशीनरी व केम्प स्थापित कर काम आरम्भ कर देगा । उन्होंने कहा कि जून माह में काम आरम्भ करने की पूरी तैयारी है। उन्होंने कहा कि 4 साल सीमा अवधि में बनने वाले इस टनल को डबल लाइन 4 किलोमीटर लंबी बनेगी और इससे शिंकुला टनल की बर्फ से निजात मिलेगी और ये सड़क पूरा साल खुला रहेगा।

नीमू पदम् दारचा सड़क पर शिंकुला दर्रे के ठीक नीचे शिंकुला टनल प्रस्तावित है और इस टनल का काम जून माह में आरम्भ होना है और 4 किलोमीटर लंबी इस टनल पर 1700 करोड़ व्यय होना है। 2027 तक टनल निर्माण का लक्ष्य है। इस टनल के बन जाने से सेना को लेह जाने के लिये 12 माह की सुविधा मिलेगी और लेह तक जाने के लिये सेना को विकल्प मिलेगा जांस्कर से हिमाचल जुड़ जयेगा ।हालाँकि भारी बर्फ़ के बीच यहाँ तक पहुँचने में चुनोती है पहले भी हिमखंड से हादसे हुए है लेकिन बीआरओ टनल बनने से आल वेदर सड़क की दावा कर रही है ।लोग उम्मीद कर रहे कि जल्द ही इस टनल का निर्माण हो और लोगो को सुविधा मिले।