विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि आत्मनिर्भरता वैश्विक उथल-पुथल से निपटने की मानसिकता है क्योंकि दुनिया एक अस्थिर और अनिश्चित दौर में जी रही है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आत्मनिर्भरता भारत के आत्मविश्वास को मज़बूत करने, परिवर्तशीलता बढ़ाने और विकसित भारत की नींव रखने का आधार भी है।
दिल्ली में आयोजित पर्यटन आस्था सम्मेलन में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एक सभ्यतागत राष्ट्र और एक ऐसा समाज है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है और उसने अपनी संस्कृति, परंपराओं तथा विरासत को संजोया है। उन्होंने कहा कि भारत की असली ताकत उसके लोग और उनका आत्मविश्वास है। विदेश मंत्री ने कहा कि जिन देशों की घरेलू माँग मज़बूत है, उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया है और आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मज़बूत पर्यटन का बहुत महत्व है। डॉ. एस. जयशंकर ने आगे कहा कि ई-वीज़ा की प्रथा ने भारत की यात्रा को और भी सुखद बना दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है और रेलवे में भी व्यापक बदलाव आया है।