जून 26, 2025 7:41 अपराह्न

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विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन टीम को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक डॉकिंग करने के लिए बधाई दी है

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन टीम को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक डॉकिंग करने के लिए बधाई दी है। मीडिया से बात करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि शुभांशु शुक्ला आईएसएस के प्रवेश द्वार पर खड़े हैं और 14 दिन के प्रवास के लिए कदम बढ़ाने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि दुनिया उत्साह और उम्मीद के साथ देख रही है।

    मिशन में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि अभियान के महत्वपूर्ण हिस्सों, विशेष रूप से जीव-विज्ञान से संबंधित, किसी भी आवास, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष में मानव शरीर विज्ञान पर विभिन्न प्रभावों की क्षमता की खोज करने के लिए उस पर भरोसा किया गया है। उन्होंने कहा कि इसका दुनिया भर में भविष्य के सभी अभियानों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

    डॉ. सिंह ने कहा कि शुभांशु शुक्ला द्वारा किए जाने वाले प्रयोग और अवलोकन भारत को अंतरिक्ष कृषि, अंतरिक्ष जीव विज्ञान और अंतरिक्ष चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही वैश्विक मंच पर मजबूती से मौजूद है और यह ऐतिहासिक कदम उसकी स्थिति को और मजबूत करेगा।

    भारत के अन्य अंतरिक्ष मिशनों के बारे में डॉ. सिंह ने कहा कि गगनयान और चंद्रयान मिशनों के माध्यम से डॉकिंग और अनडॉकिंग का अनुभव हमारे अब तक प्राप्‍त ज्ञान में वृद्धि करेगा, जो 2035 में भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशनभारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना में महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आज कृषि से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, रेलवे दुर्घटना की रोकथाम से लेकर स्मार्ट शहरों की स्थापना तक हर भारतीय घर में प्रवेश कर चुकी है।

    भारत की अंतरिक्ष प्रतिभा के बारे में उन्‍होंने कहा कि भारत अब विक्रम साराभाई और सतीश धवन के समय से देखे जा रहे सपनों और संभावनाओं को साकार कर रहा है। उन्होंने इसका श्रेय देश के वैज्ञानिकों के साथसाथ सक्षम नेतृत्व, परिवर्तनकारी बदलावों और रणनीतिक नीतिनिर्माण को दिया। डॉ. सिंह ने बताया कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की भारत की क्षमता को पूरा करने में अंतरिक्ष क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

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