लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा शुरू हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के विरूद्ध इस कार्रवाई को भारत की सशक्त, सफल और निर्णायक सैन्य कार्रवाई बताया है। चर्चा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर देश की संप्रभुता, भारत की पहचान और नागरिकों के प्रति सरकार के कर्त्तव्य तथा आतंकवाद के विरुद्ध भारत की कडी नीति का एक प्रभावी और निर्णायक प्रदर्शन था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर देश के सशस्त्र बलों द्वारा की गई एक सुनियोजित सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया गया। श्री सिंह ने कहा कि इस हमले में सौ से ज़्यादा आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और आतंकपरस्त मारे गए, जिनमें से अधिकतर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा तथा हिज़्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे।
रक्षामंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों में अपने प्रियजनों को खोने वाले निर्दोष परिवारों को न्याय दिलाने के लिए शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि इस सैन्य अभियान का उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों और उनके शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट करना था। इसके माध्यम से पाकिस्तान को यह भी स्पष्ट संदेश दिया गया कि भारत, आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
श्री सिंह ने गर्व के साथ कहा कि भारत की वायु रक्षा, ड्रोन रोधी प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक हथियारों ने पाकिस्तान के हरेक हमले को पूरी तरह विफल कर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पाकिस्तान हमारे किसी भी लक्ष्य को भेदने में असमर्थ रहा और उसके हमले से भारत की किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा है।
श्री सिंह ने कहा कि भारतीय वायु सेना की तरफ से किए गए बड़े हमलों, थलसेना की कड़ी जवाबी कार्रवाई और नौसैनिक हमलों के डर ने पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हमारी सरकार का रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि आतंकवाद तथा बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।