रुद्रप्रयाग के राजस्व ग्राम तरवाड़ी में पंचांग पूजन और धार्मिक परंपराओं के साथ पांडव नृत्य का आयोजन शुरू हो गया है। पांडव पश्वा अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य कर रहे हैं और पांडव नृत्य को देखने दूर-दराज से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
तरवाड़ी गांव में 20 दिवसीय इस अनुष्ठान में पारंपरिक जागर गीतों के साथ पांडवों का आह्वान किया जाता है। ग्रामीण किशन सिंह रावत का कहना है कि जागरों में महाभारत काल की घटनाओं को पांडवानी अंदाज में ढोल की थाप के साथ गाया जाता है।
उन्होंने बताया कि पांडव नृत्य की ये परंपरा सैकड़ो साल पुरानी है और इसे जीवंत रखने के लिए ये आयोजन किया जाता हे।