अगस्त 6, 2025 4:56 अपराह्न

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राज्‍यसभा ने आज समुद्र माल परिवहन विधेयक 2025 पारित कर दिया

राज्‍यसभा ने आज समुद्र माल परिवहन विधेयक 2025 पारित कर दिया है। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका है। यह विधेयक भारतीय समुद्र द्वारा माल परिवहन अधिनियम, 1925 का स्थान लेगा। इसका उद्देश्‍य बंदरगाह से माल ले जाने के मामले में उत्तरदायित्वों, देनदारियों, अधिकारों और उन्मुक्तियों को स्थापित करना है। यह कानून केंद्र सरकार को विधेयक के प्रावधानों को लागू करने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार देता है। यह कानून लदान बिलों पर लागू नियमों को निर्दिष्ट करने वाली अनुसूची में संशोधन करने का भी अधिकार प्रदान करता है। लदान बिल  माल वाहक द्वारा माल भेजने वाले को जारी किया गया एक प्रपत्र है। इसमें ले जाए जाने वाले माल के प्रकार, मात्रा, स्थिति और गंतव्य जैसे विवरण शामिल होते हैं।

    चर्चा का उत्‍तर देते हुए जहाजरानी और जलमार्ग राज्‍य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि समुद्री माल परिवहन विधेयक, 2025 का उद्देश्य 100 वर्ष पुराने कानून को निरस्त करना है। यह विधेयक सौ वर्ष पुराने कानून का स्‍थान लेगा। उन्‍होंने कहा कि नया कानून सरल और तर्कसंगत कानूनों के माध्यम से व्यापार करने की सुगमता सुनिश्चित करेगा।

    इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के संजय सेठ ने कहा कि पिछले 10 वर्षो में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में बंदरगाहों और समुद्री लदान में अभूतपूर्व वृद्धि हई है। उन्‍होंने कहा कि  भारत के समुद्री क्षेत्र को आज वैश्‍विक स्‍वीकृति मिल रही है। श्री सेठ ने कहा कि पिछले दस वर्षो में बडे बंदरगाहों  की कार्गो प्रबंधन क्षमता दोहरी हुई है। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में कार्गो प्रबंधन 819 मिलियन टन से अधिक था जो 2024 में बढकर 16 सौ मिलियन टन से अधिक हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के राजीव भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था बहुत जल्‍द तीसरी सबसे बडी अर्थव्‍यवस्‍था बन जाएगी। उन्‍होंने कहा कि यह विधेयक देश की अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत बनाएगा। इस विधेयक के समर्थन में तृणमूल कांग्रेस-एम के जी.के. वासन ने कहा कि नौवहन क्षेत्र में वृद्धि के कारण देश आज आर्थिक रूप से फल-फूल रहा है। उन्‍होंने कहा कि देश में 12 बडे बंदरगाह और सौ से अधिक छोटे बंदरगाह हैं।

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