राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने इतिहासविदों से प्रदेश के इतिहास व लोक संस्कृति का निरन्तर अध्ययन कर शोध करने का आहवान किया है। यह बात राज्यपाल ने आज धर्मशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के इतिहास विभाग व भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 2 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारम्भ अवसर पर कही।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थल अनेक ऐतिहासिक घटनाओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के परिचायक हैं। यह धार्मिक स्थल प्रदेश की जीवन्त ऐतिहासिक विरासत को समेटे हुए हैं। इनका गहन अध्ययन कर प्रदेश के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को कलमबद्ध किया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां इस विरासत को जान और समझ सकें।
उन्होंने प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमाचल के धार्मिक और पौराणिक स्थल अनेक घटनाओं के गवाह रहे हैं। इनका गहन अध्ययन कर प्रदेश के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को संजोया जाना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय ने कहा कि देश में बदली हुए परिस्थितियों के फलस्वरूप आज देश के गौरवमयी इतिहास को पढ़ाया जा रहा है।