मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 49 उपजिलाधिकारियों, 41 पुलिस उपाधीक्षकों एवं 16 कोषाधिकारी-लेखाधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये। इस दौरान नवचयनित अभ्यर्थियों ने अपने अनुभव भी साझा किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सरकार ईमानदारी के साथ काम करती है तो ओवरऑल परसेप्शन चेंज होता है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्ष पहले तक प्रदेश के लोगों के सामने अपनी पहचान का संकट था। वहीं, आज वह सीना तान कर कहते हैं कि मैं उत्तर प्रदेश का हूं। यह सब सरकार के निर्णय के मेकैनिज्म से हुआ है।
श्री योगी ने नवचयनितों से कहा कि उनके पास तीस से पैंतीस वर्ष का समय जनता जनार्दन की सेवा करने का है। उनकी दुआएं लेने का है, ताकि अपने भविष्य को उज्जवल बना सकें। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी आयोग और बोर्ड ने मात्र नौ माह में चयन की प्रक्रिया पूरी की है। इसमें न तो किसी की सिफारिश की जरूरत पड़ी और न तो कोई हस्तक्षेप हुआ। वहीं जिन लोगों ने परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने की कोशिश की, वह लोग उसका खामियाजा भुगत रहे हैं। उनकी प्रॉपर्टी जब्त कर ली गई, उनके घर पर रेड पड़ी। इतना ही नहीं सरकार तय कर चुकी है कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कार्ययोजना का ही परिणाम है कि पिछले सात वर्षों के अंदर करोड़ों युवाओं को नौकरी और रोजगार की सुविधा प्रदेश में उपलब्ध करायी गयी है। आज पर कैपिटा इनकम और प्रदेश की जीडीपी में इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं यूपी देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरकर सामने आया है। यह तब होता है जब सरकार ईमानदारी के साथ कार्य करती है। उन्होंने कहा कि आपको गवर्नमेंट के इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करना है।