मध्य प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित गौवंश की आश्रय समस्या के निराकरण के लिए स्थाई समाधान निकाला गया है। अब प्रदेश में कामधेनु निवास (स्वावलंबी गौशाला) स्थापित होगी, जहां बड़ी संख्या में गौवंश की देखभाल की जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा “मध्यप्रदेश राज्य में स्वावलंबी गौशालाएं (कामधेनु निवास) स्थापना की नीति 2025“ को स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है।
गौशालाओं में न्यूनतम 5000 गौवंश का पालन अनिवार्य होगा। इनमें से 30 प्रतिशत गौवंश उन्नत दुधारू नस्ल का हो सकता है। सरकार द्वारा अधिकतम 125 एकड़ शासकीय भूमि के उपयोग के अधिकार गौशाला संचालकों को दिए जाएंगे। इन गौशालाओं में 5000 से अधिक गौवंश होने पर प्रति 1000 गौवंश पर 25 एकड़ अतिरिक्त शासकीय भूमि दी जा सकेगी। पशुपालन एवं डेयरी विभाग लैंड बैंक तैयार करेगा।