मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र ‘कचरे से कंचन’ के अनुरूप खेतों से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल से तरह-तरह के उत्पाद बनाए जा रहे हैं। इन्हीं उत्पादों में सबसे प्रमुख है केला फसल के वेस्ट से तैयार बुरहानपुर की टोपी, जिसके न सिर्फ भारतीय दीवाने हैं बल्कि अब विदेशों में भी ऑनलाइन इसकी डिमांड बढ़ गई है।
बुरहानपुर जिले की केले के रेशे से बनी टोपियों की मांग विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है. अभी तक 10 टोपियाँ लन्दन भेजी गई हैं जबकि दक्षिण अफ्रीका में भी 10 टोपियाँ भेजी जाएगी। यह टोपियाँ देखने में बेहद आकर्षक हैं। इन टोपियों की कीमत 1100 से 1200 रुपये तक है। केले के रेशों से टोपियां बनाने वाली अनुसुइया चौहान का कहना है कि इससे अच्छी कमाई हो रही है।
बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया कि जिला प्रशासन भी केले के रेशों से बनाए गए उत्पादों को बेचने के लिए बनाना क्रॉप वेबसाइट लांच कर रहा है।
बुरहानपुर जिले में करीब 25 हजार हेक्टेयर में केला लगाया जाता है। केले से बने और शारीरिक पोषण से भरपूर बनाना पाउडर की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।