भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार को सहायता उपलब्ध कराने के लिए आज तड़के ब्रह्मा अभियान शुरू किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने आज नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पहला विमान हिंडन वायुसैन्य अड्डे से पन्द्रह टन राहत सामग्री लेकर तड़के तीन बजे रवाना हुआ और तकरीबन सुबह आठ बजे यंगून पहुंच गया। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे पर भारतीय राजदूत ने राहत सामग्री प्राप्त की। यह पन्द्रह टन राहत सामग्री म्यांमार के विभिन्न हिस्सों में जरूरतमंद लोगों को दी जाएगी। इसमें तंबू, कंबल, आवश्यक औषधि, तिरपाल, स्लिपिंग बैग, बिजली जनरेटर, सौर लालटेन, रसोईघर का सामान और खाद्य सामग्री के पैकेट शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि दो विमान खोज और बचाव कर्मियों तथा उपकरणों के साथ ने पी ताव भेजे गए हैं। इनके साथ खोजी श्वान भी भेजे गए हैं। इस अभियान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल का 80 सदस्यीय दल भेजा जा रहा है। इस दल की आज देर शाम तक पहुंच जाने की उम्मीद है। इसे भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित मांडले में तैनात किया जाएगा।
श्री जयसवाल ने कहा कि सहायता की तीसरी खेप में एक फील्ड अस्पताल भेजा जाएगा जिसमें तकरीबन एक सौ 18 डॉक्टर और अन्य सहायक कर्मी होंगे। ने पी ताव में मौजूद भारतीय राजदूत सभी आवश्यकताओं का समन्वय करेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि म्यांमार में तकरीबन साठ हजार भारतीय हैं और दूतावास भारतीयों के सम्पर्क में है। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भारतीय को कोई नुकसान पहुंचने की सूचना नहीं है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के उप महानिरीक्षक मोहसेन शाहिदी ने कहा कि अगले 24 से 48 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि वे जमीन पर सक्रिय रहेंगे।
भारतीय नौसेना के कमाडोर रघु नायर ने कहा कि एच ए डी आर अभियानों के लिए चार पोतों को तैयार किया गया है। दो पोत आईएनएस सावित्री और आईएनएस सतपुड़ा रवाना हो गए हैं जो 31 मार्च की सुबह यंगून पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि लगभग पचास टन राहत सामग्री यंगून भेजी जा रही है। राहत सामग्री में कपड़े, आवश्यक दवाई, खाद्य सामग्री, साबुन और सेनेटाइजर शामिल है।