जून 26, 2025 6:08 अपराह्न

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भारत ने आज उस समय इतिहास रचा, जब स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान  दोपहर 4 बजे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन- आईएसएस से डॉक किया गया

भारत ने आज उस समय इतिहास रचा, जब स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान  दोपहर 4 बजे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन- आईएसएस से डॉक किया गया। इस यान के चालक दल के चार सदस्‍यों में भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। इसके साथ ही 41 साल बाद अंतरिक्ष में भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री पहुंचा है। लखनऊ में जन्मे शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय भी हैं। यह ऐतिहासिक मिशन अमरीका, भारत, पोलैंड और हंगरी के चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष केन्‍द्र में 14 दिनों के वैज्ञानिक अभियान के लिए ले जाता है, जो लो अर्थ ऑर्बिट- एलईओ में है, और जिसे हार्मनी मॉड्यूल के अंतरिक्ष के सामने वाले पोर्ट से डॉक किया गया है। एक्सिओम-4 मिशन न केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि वैश्विक प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में भारत के बढ़ते कद का प्रमाण है। यह अंतरिक्ष नवाचार का नेतृत्व करने, स्थिरता को बढ़ावा देने और वैश्विक मिशनों में सार्थक योगदान देने की देश की क्षमता का परिचायक है।

    शुभांशु शुक्ला भोजन और अंतरिक्ष पोषण से संबंधित उन्‍नत प्रयोग करेंगे। नासा के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो और जैव प्रौद्योगिकी विभाग- डीबीटी के बीच सहयोग के तहत विकसित इन प्रयोगों का उद्देश्य भविष्य की लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा के लिए महत्वपूर्ण पहलू, लम्‍बे समय तक चलने वाली जीवन-सहायक प्रणालियों की समझ को बढ़ाना है। शोध में भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर, उच्च क्षमता वाले खाद्य स्रोत, खाद्य सूक्ष्म शैवाल पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष विकिरण के प्रभावों का भी अध्ययन किया जाएगा।