मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागनेश्वरन ने कहा है कि भारतीय निर्यात पर हाल में लगाए गए अमरीकी शुल्कों का प्रभाव अल्पकालिक होगा और एक या दो तिमाहियों में कम हो जाएगा। मुंबई में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि रत्न तथा आभूषण, झींगा और वस्त्र जैसे क्षेत्र शुरुआती दौर में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव सीमित रहेगा।
उन्होंने धैर्य रखने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार स्थिति से अवगत है और प्रभावित क्षेत्रों के साथ बातचीत शुरू कर चुकी है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने आगे कहा कि भारत-अमरीका व्यापार गतिशीलता के परिणाम इस महीने के अंत में अलास्का में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली बैठक से भी प्रभावित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में समग्र संसाधन जुटाव मज़बूत बना हुआ है, जिसका कारण मज़बूत बैंक ऋण वृद्धि, वाणिज्यिक पत्र जारी करना और आईपीओ के माध्यम से धन जुटाना है। श्री नागेश्वरन ने निजी क्षेत्र से दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने, आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को मज़बूत करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि सार्वजनिक नीति इसमें सहायक भूमिका निभाएगी। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भारत को आयात स्रोतों में विविधता लानी चाहिए और श्रम विस्थापन को कम करने के लिए कृत्रिम मेधा- एआई को अपनाने में सावधानी बरतनी चाहिए।