जुलाई 3, 2025 6:24 अपराह्न

printer

प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के सांसदों को भारत की नई संसद में आमंत्रित किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज घाना की संसद को संबोधित किया। गौरतलब है कि यह एक दुर्लभ विशेषाधिकार है जो केवल कुछ विश्व नेताओं को ही दिया गया है।   विदेशी विधायिकाओं में  रिकॉर्ड 14 भाषण देने के बाद, श्री मोदी का यह 15वां संबोधन है।

    इससे पहले उन्होंने घाना के उपराष्ट्रपति जेन नाना ओपोकू-अग्यमंग के साथ अकरा में क्वामे नक्रमा मेमोरियल पार्क का दौरा किया। श्री मोदी ने घाना के लोकतंत्र, गरिमा और परिवर्तनशील की प्रशंसा की। उन्होंने डॉ. क्वामे नक्रमा को श्रद्धांजलि दी।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें एकजुट करने वाली ताकतें अंतर्निहित हैं और उन आरोपित प्रभावों से कहीं ज़्यादा बड़ी हैं जो हमें अलग रखती हैं। उन्‍होंने भारत की विविधता-विविध राजनीतिक परिदृश्य, 22 आधिकारिक भाषाओं तथा हज़ारों बोलियों, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम और “दुनिया की फार्मेसी” को शक्ति देने वाले इसके जनसांख्यिकीय लाभांश पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को बढ़ाने के लिए वैश्विक शासन में विश्वसनीय सुधारों का आह्वान किया। उन्‍होंने भारत के जी20 दृष्टिकोण “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” का उल्‍लेख दिया। श्री मोदी ने संधारणीय जीवन और वैश्विक पहलों के लिए मिशन लाइफ़, एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड; एक विश्व, एक स्वास्थ्य; अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन; अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन; और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का भी जिक्र किया- । उन्होंने घाना के सांसदों को भारत की नई संसद में आमंत्रित किया। जहाँ एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। श्री मोदी ने घाना के सांसदों  से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र-भारत को परिभाषित करने वाली चर्चाएं देखने का आग्रह किया। उन्होंने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास,” संयुक्त विकास, विश्वास और प्रयास को रेखांकित करते हुए अपने संबोधन का समापन किया।

सर्वाधिक पठित
सम्पूर्ण जानकारी arrow-right

कोई पोस्ट नहीं मिला