अगस्त 12, 2025 9:41 अपराह्न

printer

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत वैज्ञानिक जिज्ञासा को पोषित करने और युवा मस्तिष्कों को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है

 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत वैज्ञानिक जिज्ञासा को पोषित करने और युवा मस्तिष्कों को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी पर 18वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड के उद्घाटन समारोह में एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि एक करोड़ से ज़्यादा छात्र अटल टिंकरिंग लैब्स में व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से छात्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित-स्‍टेम अवधारणाओं को सीख रहे हैं। 64 देशों के 300 से ज़्यादा चमकते सितारों से वर्चुअली जुड़ने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत सहयोग की शक्ति में विश्वास करता है और यह ओलंपियाड इसी भावना को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने युवा छात्रों और विद्वानों से भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने और मानवता को बेहतर बनाने के लिए कल्पनाशीलता और करुणा का उपयोग करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सीमाएं अनंत हैं। उन्होंने इस यह भी कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित और गणित क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत अग्रणी देश है।

 

            प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया भर के युवा मस्तिष्कों को अध्ययन, शोध और सहयोग के लिए आमंत्रित करता है। विज्ञान, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि लद्दाख में भारत की दुनिया की सबसे ऊँची खगोलीय वेधशालाओं में से एक है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश वर्ग किलोमीटर एरे और लिगो इंडिया जैसी वैश्विक मेगा-विज्ञान परियोजनाओं में गर्व से योगदान दे रहा है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश होने का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश ने आदित्य-एल-वन सौर वेधशाला के साथ सूर्य पर भी अपनी नज़रें गड़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान तक पहुँच को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए, सरकार ने वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन योजना शुरू की है, जो लाखों विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तक मुफ़्त पहुँच प्रदान करती है।

 

    प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने इस बात पर ज़ोर दिया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी हैं और वैश्विक सहयोग के संकेत के रूप में 64 देशों की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने खगोल विज्ञान में भारत के ऐतिहासिक और निरंतर योगदान और एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में प्रगति का उल्‍लेख किया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के पूर्व उपाध्यक्ष, प्रोफेसर अजीत केम्भवी ने कहा कि ओलंपियाड युवा मस्तिष्कों को प्रेरित करते हैं और उनके करियर को आकार देते हैं। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के निदेशक प्रोफेसर जयराम चेंगलूर ने संस्थान के योगदान और वैश्विक वैज्ञानिक एकता के महत्व पर प्रकाश डाला। आईओएए के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिकेत सुले ने सभी महाद्वीपों की भागीदारी के साथ इस आयोजन की वैश्विक पहुँच का जिक्र किया और आशा व्यक्त की कि यह स्थायी मित्रता और भविष्य में शांति को बढ़ावा देगा। एचबीसीएसई के प्रोफेसर अर्नब भट्टाचार्य ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और कहा कि ब्रह्मांड के बारे में साझा जिज्ञासा प्रतिभागियों को एकजुट करती है। इस आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम, आईओएए 2025 गान का शुभारंभ और भाग लेने वाले देशों की एक परेड भी शामिल थी। 

सर्वाधिक पठित
सम्पूर्ण जानकारी arrow-right

कोई पोस्ट नहीं मिला