जून 28, 2025 9:08 अपराह्न

printer

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की। श्री मोदी ने कहा कि आप भारत से भले ही बहुत दूर हैं, लेकिन करोडों भारतीयों के दिल के बेहद करीब हैं। आपकी यात्रा एक नए युग के शुभारम्‍भ का प्रतीक है। श्री मोदी ने कहा कि परिक्रमा भारत की सदियों पुरानी परंपरा रही है और आपको धरती मां की परिक्रमा का यह दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होनें कैप्टन शुक्ला को उनके मिशन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी।

    प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रुप कैप्‍टन सुभांशु शुक्‍ला से उनकी तैयारी और अंतरिक्ष स्टेशन पर वास्तविक स्थितियों के बीच अंतर के बारे में भी पूछा। श्री शुक्‍ला ने बताया कि शून्य गुरुत्वाकर्षण और प्रयोगों की प्रकृति के बारे में पहले से जानने के बावजूद, कक्षा में वास्तविकता पूरी तरह से अलग थी। उन्‍होंने कहा कि साधारण गतिविधियां जैसे पानी पीना या सोना भी अंतरिक्ष में चुनौतीपूर्ण है।

    ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कैप्टन शुक्ला ने कहा कि बचपन में कभी नहीं सोचा था कि वह अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज का भारत लोगों को अपने सपने साकार करने का अवसर दे रहा है।

कैप्टन शुक्ला ने कहा कि उन्होंने अपने प्रशिक्षण के दौरान बहुत कुछ सीखा। उनकी यात्रा पूरे देश के लिए एक सामूहिक उपलब्धि है। उन्होंने युवाओं से कहा कि आकाश की कोई सीमा नहीं। भारत तेजी से प्रगति कर रहा है और एक दिन अंतरिक्ष में भारत का अपना स्टेशन होगा। कैप्टन शुक्ला ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार अंतरिक्ष से भारत को देखा, तो बहुत भव्य और नक्शे से कहीं बड़ा दिखाई दिया।

    प्रधानमंत्री मोदी ने श्री शुक्‍ला से पूछा कि क्या अंतरिक्ष में किए जा रहे किसी प्रयोग से भविष्य में कृषि या स्वास्थ्य क्षेत्र को लाभ होगा। इस पर उन्‍होंने बताया कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने सात अनोखे प्रयोग तैयार किए हैं, जिन्हें वे अंतरिक्ष स्टेशन पर ले गए हैं। पहला प्रयोग स्टेम सेल पर केंद्रित है। इसमें गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति में शरीर में मांसपेशियों की क्षति होती है। इस अध्ययन के परिणाम सीधे तौर पर पृथ्वी पर रहने वाले बुजुर्ग लोगों की मदद कर सकते हैं जो उम्र के साथ मांसपेशियों के क्षय का सामना करते हैं। श्री शुक्‍ला ने कहा कि अंतरिक्ष में प्रयोग करने का एक बड़ा फायदा जैविक प्रक्रियाओं की त्वरित गति है, जिससे शोधकर्ताओं को पृथ्वी की तुलना में बहुत तेजी से परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलती है।

    बुधवार को अमरीका के फ्लोरिडा में स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च किया गया। कैप्टन शुक्ला दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की है। इससे चार दशक पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

सर्वाधिक पठित
सम्पूर्ण जानकारी arrow-right

कोई पोस्ट नहीं मिला