प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज घाना की सफल यात्रा के समापन के बाद पांच देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए रवाना हुए। इससे पहले, उन्होंने राजधानी अकरा में घाना गणराज्य की संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत और घाना के बीच संबंधों की कोई सीमा नहीं है, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच की दोस्ती घाना के प्रसिद्ध “शुगर लोफ पाइनएप्पल” से भी अधिक मीठी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताया और लोकतांत्रिक व्यवस्था में खुलेपन तथा संवाद के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत की विशाल विविधता को उसके लोकतांत्रिक ताने-बाने की ताकत के रूप में उजागर किया। श्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह हमारे मौलिक मूल्यों का एक हिस्सा है। उन्होंने भारत की विशाल विविधता को उसके लोकतांत्रिक ताने-बाने की ताकत के रूप में उजागर किया। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत में बीस अलग-अलग पार्टियां विभिन्न राज्यों पर शासन कर रही हैं, 22 आधिकारिक भाषाएं तथा हजारों बोलियाँ हैं। उन्होंने कहा, यही कारण है कि भारत ने अपने देश में आने वाले लोगों का हमेशा खुले दिल से स्वागत किया है। उन्होंने लोकतंत्र, गरिमा और लचीलेपन के प्रति अपनी स्थायी प्रतिबद्धता के लिए पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र की सराहना की और इसे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए “प्रेरणा का प्रतीक” बताया।
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति जॉन महामा द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से सम्मानित किया गया। घाना की संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 140 करोड भारतीयों की ओर से अफ्रीकी राष्ट्र के प्रति आभार व्यक्त किया और पुरस्कार से भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख किया। उन्होंने इस सम्मान के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और इसे बेहद गर्व की बात बताया। श्री मोदी ने कहा कि वह इस पुरस्कार को दोनों देशों के युवाओं को समर्पित करते हैं। उन्होंने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को दोनों देशों के बीच स्थायी मित्रता और साझा मूल्यों को भी समर्पित किया।
इससे पहले दिन में, श्री मोदी ने राजधानी अकरा में नक्रूमा मेमोरियल पार्क में घाना के संस्थापक राष्ट्रपति और अफ्रीकी स्वतंत्रता आंदोलन के सम्मानित नेता डॉ. क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ घाना की उपराष्ट्रपति जेन नाना ओपोकू-अग्यमंग भी थीं।
पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र की अपनी दो दिन की यात्रा के पहले चरण में, श्री मोदी ने घाना की राजधानी अकरा में भारतीय प्रवासियों से बातचीत की, जहाँ समुदाय के सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें मजबूत साझेदारी की समीक्षा की गई और आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा सहयोग और विकास सहयोग के माध्यम से इसे बढ़ाने के लिए आगे के अवसरों पर चर्चा की गई। अपनी बैठक के दौरान श्री मोदी ने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने की घोषणा की, और “महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा, समुद्री सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्रों में अपार संभावनाओं” पर बल दिया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और घाना महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा, समुद्री सुरक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने की अपार संभावनाएं देखते हैं। सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने के बारे में भी बात की गई। उन्होंने राष्ट्रपति महामा के साथ अपनी बातचीत को बेहद लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि व्यापार और आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने पर चर्चा हुई। श्री मोदी की त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा, प्रधानमंत्री के रूप में देश की उनकी पहली यात्रा होगी और 1999 के बाद से प्रधानमंत्री स्तर पर पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।