उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने आज कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र देश का ह्दय और आत्मा है। नई दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री धनखड ने कहा कि पूर्वोत्तर न सिर्फ एक भौगोलिक क्षेत्र है बल्कि संस्कृति, परम्परा और प्राकृतिक सुन्दरता का एक जींवत चित्र है जो भारत के मूल तत्व को दर्शाता है। उपराष्ट्रपति ने इस क्षेत्र के समृद्ध आध्यात्मिक और प्राकृतिक विरासत का उल्लेख किया। उन्होंने इसकी जीवंत संस्कृति, विशिष्ट खान-पान और यहां के लोगों की ऊर्जा की सराहना की।
श्री धनखड ने हाल ही में असमिया को एक शास्त्रीय भाषा की मान्यता दिये जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह मान्यता एक सकारात्मकता का संचार करती है। यह राष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता दर्शाती है। उपराष्ट्रपति धनखड ने मीडिया को पूर्वोत्तर के दूत बनने का आग्रह किया। उन्होंने मीडिया कर्मियों से पर्यटन और विकास में क्षेत्र की संभावनाओं को तलाशने की भी अपील की।