नवम्बर 2, 2025 5:45 अपराह्न

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पंजाब में पुलिस जांच से समाचार पत्रों का वितरण प्रभावित, राजनीतिक नेताओं और प्रेस क्लब ने की निंदा

पंजाब में आज सुबह राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रकाशित सामग्री ले जा रहे वाहनों की पुलिस द्वारा गहन जांच के कारण कई समाचार पत्रों का वितरण देर से हुआ। इस पुलिस कार्रवाई की राजनीतिक नेताओं और चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने भी निंदा की है। विपक्षी दलों के विभिन्न नेताओं का आरोप है कि सरकार ने एक विशेष समाचार को जनता तक पहुंचने से रोकने के लिए पूरे राज्य में छापे मारे और समाचार पत्रों का वितरण रोक दिया।
पंजाब भाजपा ने इसे केजरीवाल-मान सरकार द्वारा लगाया गया अघोषित आपातकाल करार दिया है। इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए, पार्टी ने कहा कि पंजाब तानाशाही के आगे नहीं झुकेगा। सच्चाई की आवाज़ को कोई दबा नहीं सकता।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि पूरे पंजाब में समाचार पत्र वितरण वैन पर छापे प्रेस की स्वतंत्रता पर एक हमला है।
पठानकोट से भाजपा विधायक अश्विनी शर्मा ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू करने के बाद यह पहली बार है कि पंजाब में मीडिया का गला घोंटने और उसे डराने-धमकाने की कोशिश की गई है।
जालंधर कैंट से कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने इस कृत्य को पंजाब में प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया। यह राज्य में लगाया जा रहा एक मौन आपातकाल है जिसे पंजाब बर्दाश्त नहीं करेगा।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी इस कृत्य की निंदा की और कहा है कि पार्टी मीडिया की स्वतंत्रता के पक्ष में है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने एक प्रेस बयान में पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। पंजाब सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने, समाचार पत्रों का निर्बाध वितरण सुनिश्चित करने और प्रेस की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को बनाए रखने का आग्रह किया है।
इस बीच, पंजाब पुलिस ने कहा है कि उसने विशिष्ट खुफिया सूचनाओं के आधार पर विभिन्न प्रकार के सामान ले जा रहे वाहनों, विशेष रूप से व्यावसायिक वाहनों की जांच की है। पंजाब पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पार से राष्ट्र-विरोधी ताकतों ने अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव किया है और उनकी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं।