दिल्ली विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस के पहले दिन आज केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक सुधारों में स्वतंत्रता-पूर्व केंद्रीय विधानमंडलों के राष्ट्रवादी नेताओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।
स्वतंत्रता-पूर्व केंद्रीय विधानमंडलों के राष्ट्रवादी नेताओं की स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधारों में भूमिका विषय पर अपने संबोधन में उन्होने कहा कि विधानसभा के सदन का प्रत्येक पत्थर उन महान आत्माओं की विरासत समेटे हुए है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय योगदान दिया।
श्री शेखावत ने विधानसभा कक्ष की तुलना सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिर से करते हुए कहा कि यह सदन उन नेताओं के साहस, बलिदान और नैतिक शक्ति का सजीव साक्षी है, जिन्होंने कठिनतम परिस्थितियों में पूरे देश में स्वतंत्रता की ज्योत जलाने का कार्य किया।
संस्कृति मंत्री ने वैदिक काल से चली आ रही सभा और समिति जैसी संस्थाओं, मौर्य और गुप्त काल के जन-केंद्रित शासन तथा रामायण, महाभारत और अशोक के शिलालेखों में निहित लोकतांत्रिक भाव को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी घोषित किया था।