दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी के निशान 204 दशमलव 5 मीटर से ऊपर बढ़कर आज दोपहर एक बजे तक 205 दशमलव 24 मीटर पर पहुँच गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जलस्तर में यह वृद्धि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण हुई है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी में यमुना नदी और उससे सटे क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन और तैयारियों की व्यापक समीक्षा की। मुख्यमंत्री का दौरा असीता घाट से प्रारंभ होकर यमुना छठ घाट, पूर्वी जिला अधिकारी कार्यालय, 12 नंबर रेगुलेटर और कंट्रोल रूम तक चला। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली के सिंचाई और बाढ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी किए गए परामर्श में दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने आश्वासन दिया कि राजधानी अभी भी पूरी तरह से सेफ ज़ोन में है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्वी जिला अधिकारी कार्यालय में केंद्रीय बाढ नियंत्रण कक्ष की शुरुआत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह पूरी दिल्ली के लिए एक केंद्रीय समन्वय केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है और सभी सिविक एजेंसियों के प्रतिनिधि यहां हर पल तैनात हैं।
वहीं, विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आशा जताई कि सरकार तत्काल सभी आवश्यक सावधानियाँ बरतेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रबंधन, नालों की सफाई, और आपदा राहत की तैयारियाँ केवल फाइलों में नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत में दिखनी चाहिए।