जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान डेविड वाडेफुल भारत की दो दिन की आधिकारिक यात्रा पर आज सुबह बेंगलुरु पहुँचे। श्री वाडेफुल आज दिल्ली रवाना होने से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का दौरा करेंगे। वह कल नई दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से मुलाकात करेंगे।
अपनी यात्रा से पहले श्री वाडेफुल ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मंच पर एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, श्री वाडेफुल ने जर्मनी और भारत के बीच घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों और रणनीतिक साझेदारी का वर्णन किया। उन्होंने सुरक्षा सहयोग, नवाचार, प्रौद्योगिकी और कुशल कार्यबल के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को महत्वपूर्ण बताया और हिन्द प्रशांत क्षेत्र में भारत की मजबूत स्थिति का उल्लेख किया। श्री वाडेफुल ने राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जर्मनी और भारत के बीच गठबंधन पर भी जोर दिया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में भारत की निर्णायक भूमिका और दोनों देशों की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
जर्मनी के विदेश मंत्री की यह यात्रा पिछले महीने नई दिल्ली में डॉ. जयशंकर की जर्मनी के सांसद जुर्गन हार्ड्ट के साथ बैठक के बाद हो रही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, जर्मनी, यूरोप में भारत का महत्वपूर्ण भागीदार है। 1951 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। मई 2000 से, भारत और जर्मनी की ‘रणनीतिक साझेदारी’ और 2011 में अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) की शुरुआत से दोनों देशों के बीच संबंध और मज़बूत हुए हैं।