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छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया का पर्व आज उत्साह के साथ मनाया जा रहा है

छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया का पर्व आज उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। छोटे बच्चों ने जहां गुड्डे-गुड़िया का विवाह रचाया, तो वहीं लोगों ने मंदिर-देवालयों में दान-दक्षिणा कर विशेष पूजा-अर्चना की। इस मौके पर राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भंडारे का भी आयोजन किया गया। वहीं, सराफा बाजारों में भी काफी रौनक रही।
रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आज अक्षय तृतीया पर अक्ती तिहार समारोह का आयोजन किया गया। कुलपति डॉक्टर गिरीश चंदेल ने विश्वविद्यालय परिसर में माटी पूजन और बीज संस्कार कर खेत में धान के बीजों की बुआई की। इस मौके पर उन्होंने विश्वविद्यालय की आतंरिक बस सेवा का शुभारंभ भी किया।
इस बीच, इस वर्ष अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए जिला प्रशासन मुस्तैद रहा। दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर यूनिसेफ के सहयोग से जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के लिए पच्चीस अपै्रल से दस मई तक बाल विवाह रोकथाम पखवाड़े का आयोजन किया गया। इसके तहत यूनिसेफ के युवोदय वॉलेंटियर्स द्वारा ‘पहले पढ़ाई फिर विदाई’ नारों के साथ जिले की सभी पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में बैनर-पोस्टर, रैली, नुक्कड़-नाटक, रंगोली और सुपोषण चौपाल जैसे विभिन्न आयोजनों के माध्यम से बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दी गई।

इस बीच, जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरी गांव में जिला प्रशासन की मदद से एक नाबालिग कन्या की शादी रूकवाई गई। सूचना मिलने पर महिला और बाल विकास के अधिकारियों ने गांव में दबिश दी और नाबालिग लड़की की शादी रूकवाई। वहीं, इसी जिले के चौराभांटा और पामगढ़ के तनौद में प्रशासन ने दो नाबालिग लड़कों का विवाह रूकवाया।

राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने अक्षय तृतीय के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है।