छत्तीसगढ़ के स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्य-पुस्तकों में आवश्यक बदलाव लाने के लिए राज्य स्तरीय पाठ्य-पुस्तक लेखन उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में अगले वर्ष से पहली से तीसरी और छठवीं कक्षा की पाठ्य-पुस्तकें बदलने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
इसी कड़ी में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा रायपुर में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा कि प्रारंभिक कक्षाओं के विद्यार्थियों को उनकी स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि पाठ्य-पुस्तकों में व्यावहारिकता का समावेश होना चाहिए।