केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के शासनकाल में जम्मू–कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होगा। पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और आतंकी ढाँचे को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
श्री अमित शाह ने ऑपरेशन महादेव की सफलता के लिए सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका की सराहना की, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। उन्होंने बताया कि सरकार ने आतंकी हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि और वीज़ा सुविधा को निलंबित करना शामिल है। गृह मंत्री ने आगे कहा कि सशस्त्र बलों को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की पूरी आज़ादी दी गई थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक सौ से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया और आतंकी संगठनों के शिविरों को नष्ट कर दिया गया। गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मारक क्षमताएँ नष्ट कर दी गईं और उसे घुटने टेकने पर विवश कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष ने भारत से संपर्क किया और ऑपरेशन रोकने की अपील की।
श्री अमित शाह ने कांग्रेस पर वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए आतंकवाद के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने आतंकवादियों के पाकिस्तानी होने का सबूत मांगा था। गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि श्री चिदंबरम का बयान कांग्रेस पार्टी की उस मानसिकता को दर्शाता है जो आतंकवादी संगठनों को बचाती है। गृह मंत्री के जवाब के दौरान, विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर पर प्रधानमंत्री के जवाब की मांग करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
इससे पहले, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने चर्चा में भाग लेते हुए ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए मध्यस्थता के दावों का खंडन करते हुए कहा कि 22 अप्रैल से 16 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई।