प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कर्तव्य भवन एक अत्याधुनिक सुविधा है। इसे विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक ही छत के नीचे लाकर शासन को बेहतर बनाने के लिए तैयार किया गया है। आज नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अगस्त क्रांति का महीना है और 15 अगस्त से पहले देश आधुनिक भारत के निर्माण से जुड़े कई ऐतिहासिक पड़ावों का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में जिन नए भवनों का लोकार्पण किया गया है, वे साधारण बुनियादी ढाँचे नहीं हैं, बल्कि ये वे भवन हैं जहाँ विकसित भारत की नीतियाँ बनाई जाएँगी और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएँगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहला कर्तव्य भवन बनकर तैयार हुआ है और कई अन्य कर्तव्य भवनों का निर्माण तेज़ी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इन कार्यालयों के आस-पास स्थानांतरित होने से कर्मचारियों के लिए काम का बेहतर वातावरण और सुविधा उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, कुल कार्य क्षमता बढ़ेगी और सरकार को वर्तमान में किराए पर खर्च हो रहे 15 सौ करोड़ रुपये की बचत भी होगी। श्री मोदी ने बताया कि इस भवन को ‘कर्तव्य भवन’ नाम काफी विचार-विमर्श के बाद दिया गया। यह नाम देश के लोकतंत्र और संविधान के बुनियादी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने देश को कर्तव्य भवन के रूप में एक नया दृष्टिकोण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि कर्तव्य भवन 3 में गृह, विदेश, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय सहित कई मंत्रालय स्थित होंगे।