उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति 2025 को मंजूरी देते हुए धार्मिक क्षेत्रों के पास स्थित शराब बिक्री की अनुमति को रद्द करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति 2025 को मंजूरी देते हुए धार्मिक क्षेत्रों के पास स्थित शराब अनुज्ञापनों को बंद करने का निर्णय लिया है। नई नीति के तहत शराब की बिक्री पर कड़े नियंत्रण के साथ उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। देहरादून में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि किसी दुकान पर एम॰आर॰पी से अधिक कीमत ली जाती है, तो लाइसेंस तत्काल रद्द किया जाएगा। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी एम॰आर॰पी लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा होगी।
नई नीति के तहत स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी और थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड के निवासियों को जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इससे स्थानीय किसानों और बागवानी क्षेत्र को आर्थिक लाभ मिलेगा। साथ ही, मदिरा उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निर्यात शुल्क में कटौती की गई है, और माल्ट और स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। नई नीति को आर्थिक मजबूती, पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिससे राज्य में निवेश, रोजगार और राजस्व के नए अवसर सृजित होंगे।