नवम्बर 3, 2024 4:52 अपराह्न

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उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन पर्व पर भारतीय सेना की बैंड धुनों और वैदिक मंत्रों के साथ विधि-विधान के अनुसार शीतकाल के लिए बंद किए गए।

इस मौके पर 15 हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। इस यात्रा काल में रिकार्ड साढ़े 16 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ धाम की यात्रा की। कपाट बंदी के लिए मंदिर को दीपावली पर लगभग 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में आज सुबह पांच बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। बीकेटीसी के आचार्य, वेदपाठियों, पुजारी गणों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की। स्वयंभू शिवलिंग को भस्म, स्थानीय पुष्पों बेल पत्र आदि से समाधि रूप दिया गया। जिसके पश्चात निर्धारित मुहूर्त पर प्रातः 8 बजकर 30 मिनट पर बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाकर श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।
कपाट बंद होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई। पंचमुखी डोली रात्रि प्रवास के लिए आज अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी, जबकि 4 नवंबर को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी और 5 नवंबर को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेंगी। शीतकाल में बाबा केदार की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में ही संपादित होगी।

इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से आज भव्य व दिव्य केदारपुरी का पुनर्निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम यात्रा का सफल संचालन हुआ। उन्होंने सफल यात्रा संचालन के लिए बीकेटीसी के कार्मिकों, पुलिस-प्रशासन, यात्रा व्यवस्था से जुड़े विभिन्न विभागों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी का आभार जताया।