चमोली जिले में पिछले एक पखवाडे से चल रही माँ नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा का नंदा सप्तमी के अवसर पर नंदा को कैलाश विदा करने के साथ ही समापन हो गया। उच्च हिमालयी बुग्यालों में श्रद्धालुओं नें पौराणिक लोकगीतों और जागर के साथ हिमालय की अधिष्टात्री देवी माँ नंदा को कैलाश के लिये विदा किया। अपनी ध्याण को विदा करते समय महिलाओं की आंखे अश्रुओं से छलछला गयी।
इस दौरान श्रद्धालुओं नें अपने साथ लाये खाजा-चूडा, बिंदी, चूडी, ककड़ी, मुंगरी भी समौण के रूप में माँ नंदा को अर्पित किये। दूसरी ओर, बालपाटा बुग्याल में दशोली कुरूड की मां नंदा डोली की पूजा अर्चना करके कैलाश के लिए विदा किया गया।
 
									 
						 
									 
									 
									 
									