इस्राइल और ईरान ने एक दूसरे पर मिसाइलों से हमला किया है। ये हमले तेल अवीव, यरुशलम और तेहरान में किए गए। इस्राइल के मिसाइल हमलों के जवाब में ईरान ने इस्राइल के कई ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों में कम से कम तीन लोग मारे गए और दस से अधिक घायल हो गए। इस्राइल की सेना ने कहा है कि ईरान के मिसाइल हमले में उसके सात सैनिक मारे गए हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस्राइल में अस्पताल प्रशासन मरीजों को संभावित हमलों से बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित, भूमिगत क्षेत्रों में ले जाने की कवायद में जुटा है। चिकित्सा कर्मी, तेल अवीव के बाहरी इलाके में एक चिकित्सा केंद्र में मरीजों को भूमिगत स्थान पर स्थानांतरित कर रहे हैं, ताकि ईरान के किसी भी तरह के जवाबी हमलों की स्थिति से निपटा जा सके।
दूसरी ओर, ईरान के सरकारी मीडिया ने दावा किया कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने इस्राइल के दो एफ-35 लड़ाकू विमानों को मार गिराया है। हालांकि, इस्राइल ने इस दावे को गलत बताया है।
ईरान के मीडिया के अनुसार इस्राइली हमलों में ईरानी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के दो डिप्टी कमांडर मारे गए हैं। मृतकों की पहचान जनरल घोलमरेज़ा मेहराबी और जनरल मेहदी रब्बानी के रूप में की गई है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इनकी मौत कब हुई। इस्राइली हमलों में ईरान के तीन परमाणु वैज्ञानिकों के भी मारे जाने की खबर है। ईरान ने कल भी छह परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की बात कही थी। ईरान पर इस्राइल के हमलों में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों सहित कम से कम 78 लोग मारे गए हैं। इस्राइल डिफेंस फोर्सिस- आईडीएफ ने कहा है कि उसने ईरान के डेढ सौ ठिकानों पर हमला किया, जिससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम प्रभावित हुआ है।
आईडीएफ ने कहा है कि ईरान पर उसके हवाई हमलों में सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी सहित ईरानी सेना और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के 20 से अधिक कमांडर मारे गए हैं।
ईरान के एयरपोर्ट और एयर नेविगेशन कंपनी ने अगले नोटिस तक देशभर में सभी उड़ानों को निलंबित करने की घोषणा की है। इस्राइल का बेन गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी बंद है। इस बीच, ईरान ने अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस को चेतावनी दी है कि वे तेहरान के जवाबी हमलों को रोकने में इस्राइल की मदद न करें। ईरान के मीडिया के अनुसार, यदि ये देश इस्राइल को समर्थन देते हैं तो तेहरान इस क्षेत्र में स्थित सैन्य ठिकानों और जहाजों को निशाना बनाएगा। ईरान ने परमाणु मुद्दे पर अमरीका के साथ जारी वार्ता भी स्थगित कर दी है। ईरान ने कहा है कि इस्राइल के अब तक के सबसे बड़े सैन्य हमले के बाद परमाणु कार्यक्रम पर अमरीका के साथ बातचीत निरर्थक है।