भारतीय नौसेना ने आज विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित एक ऐतिहासिक समारोह में अपने पहले एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट आईएनएस अर्नाला को आधिकारिक रूप से कमीशन किया है। इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।
आईएनएस अर्नाला देश की समुद्री ताकत को और सुदृढ़ बनाएगा। यह पोत उथले पानी में पानी के नीचे के खतरों का सामना करने में सक्षम है। यह प्रेरण सोलह ASW-SWC श्रेणी के जहाजों में से पहला है, जो तटीय और उथले पानी में पानी के नीचे के खतरों का मुकाबला करने के लिए नौसेना की क्षमता को बढ़ाता है।
आत्मनिर्भर भारत की भावना के तहत विकसित INS अर्नाला में 80% से अधिक स्वदेशी उपकरण इस्तेमाल किये गए हैं। यह पोत उपसतह निगरानी, खोज और बचाव कार्यों तथा कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों में सक्षम है। आईएनएस अर्नाला की कमीशनिंग ऐसे समय में हुई है जब भारत रणनीतिक रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ अपनी समग्र रक्षा तैयारियों को आगे बढ़ा रहा है। विशाखापत्तनम से साई सिस्टला की रिपोर्ट